Piyush Kumar Gupta
सार्वजनिक उपक्रम (Public Enterprises) किसी भी देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, विशेषकर विकासशील देशों में। परंतु, अक्सर इन उपक्रमों की कार्यक्षमता वित्तीय कुप्रबंधन, संसाधनों के अनुचित वितरण तथा जवाबदेही की कमी के कारण प्रभावित होती है। वित्तीय प्रबंधन, जो कि योजना बनाना, संगठित करना, दिशा निर्देश देना तथा वित्तीय नियंत्रण की प्रक्रिया है, इन समस्याओं से निपटने का एक कुशल माध्यम है। यह शोध पत्र इस बात का विश्लेषण करता है कि किस प्रकार प्रभावी वित्तीय प्रबंधन सार्वजनिक उपक्रमों की कार्यक्षमता, पारदर्शिता तथा दीर्घकालिक स्थिरता को बेहतर बना सकता है। इस अध्ययन में भारतीय सार्वजनिक उपक्रमों के केस स्टडी, द्वितीयक आंकड़ों तथा विद्वानों के दृष्टिकोणों का उपयोग किया गया है।
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